केदारघाट पर तमिल मेहमानों ने की गंगा आरती, काशी तमिल संगमम् 4.0 में सांस्कृतिक एकता चमकी
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
भजन, गंगाष्टकम पाठ और पर्यावरण संरक्षण संकल्प के साथ काशी–तमिलनाडु संबंधों को मजबूत करने में नमामि गंगे समूह की महत्वपूर्ण भागीदारी।
काशी तमिल संगमम् 4.0 के तहत तमिल अतिथियों द्वारा केदारघाट पर मां गंगा की आरती, स्वच्छता और सांस्कृतिक एकता का अनूठा प्रदर्शन।
Varanasi/ काशी और तमिलनाडु की प्राचीन सांस्कृतिक एकजुटता सोमवार को केदारघाट पर एक अनोखे आध्यात्मिक संगम के रूप में सामने आई, जब काशी तमिल संगमम् 4.0 के तहत आए तमिल अतिथियों ने नमामि गंगे समूह के साथ मां गंगा की भव्य आरती की। इस दौरान तमिल मेहमानों ने भारत की सुख-समृद्धि और सर्वकल्याण की प्रार्थना की। कार्यक्रम के बाद सभी ने मां गंगा की स्वच्छता में भी योगदान देकर स्वच्छ भारत और नदी संरक्षण के प्रति अपना संकल्प दिखाया।
कार्यक्रम की थीम "तमिल सीखें – तमिल करकलाम" के तहत श्रद्धालुओं को तमिल भाषा के प्रमुख शब्दों से परिचित कराया गया, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान का वातावरण और प्रगाढ़ हुआ। आरोग्य और वैश्विक कल्याण की भावना के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं गंगाष्टकम का सामूहिक पाठ किया गया। राष्ट्रध्वज हाथों में लिए सभी प्रतिभागियों ने गंगा की सफाई और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रण भी लिया।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक एवं नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने कहा कि काशी और तमिलनाडु शिवमय हैं और दोनों की सांस्कृतिक विरासत समान धरोहर है। उन्होंने बताया कि काशी तमिल संगमम् प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से भाषा भेद मिटाने और राष्ट्रीय एकता को सशक्त करने वाला एक प्रभावी मंच बन चुका है।
कार्यक्रम में स्वामी परिपूर्णानंद सरस्वती, स्वरूपा, अन्नापूर्णा, विजयश्री, कन्नम्मा, फनी शर्मा और कार्तिक शर्मा सहित बड़ी संख्या में तमिल अतिथि उपस्थित रहे।